मनिहारी की पहचान का एक और महत्वपूर्ण केंद्र है संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज आश्रम। यह कुटी (आश्रम) महर्षि मेंही जी की स्मृति में बनाई गई है। संत साहित्य और साधना का यह स्थल आध्यात्मिक चेतना का अनमोल खजाना है। महर्षि मेंही दास का मनिहारी से संबंध आध्यात्मिक, स्मृति और प्रचार से जुड़ा हुआ है। मनिहारी स्थित महर्षि मेंही दास कुटी एक पवित्र स्थान है, जहाँ पर उनकी शिक्षाओं का अनुसरण और प्रचार किया जाता है। यह जगह उनके नाम पर बनी हुई है और आज भी उनके विचारों को जीवित रखे हुए है।

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